"हम अपनी आँखों में गंगो जमन रखते है"
"तो जर्रे जर्रे को खिलता चमन रखते है"
एक ओर जब मजहबी दीवारों को खड़ा करके नेता अपनी सियासत को हवा दे रहे है तो फैजाबाद के लोगो ने जो काम किया उसे देखकर गंगा जमुनी तहजीब की सोंच रखने वाले कहने लगे है अरे नेताओं अब तो शर्म करो
फैजाबाद के ह्रदयस्थल चौक में स्थित वक्फ हसन रजाखान मस्जिद के ऊपर से मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने दुर्गा शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा कर एक मिशाल कायम कर दी और हिन्दू मुस्लिम की राजनीति कर अपनी रोटी चला रहे नेताओं को सन्देश दे डाला की हम अमन पसंद और एक है....दुर्गा की मूर्तियों पर पुष्प वर्षा कर जो मिशल फैजाबाद के लोगों ने कायम की उसको देखकर अमूमन लोगों के दिलों से निकल रहा है अरे नेताओं अब तो शर्म करो!ऐसे जज्बे को मेरा सलाम
इन नेताओं के लिए मेरा सिर्फ यही कहना है
"जबां से करते हैं दिल से दुवा नहीं करते"
"ये सियासी लोग किसी का भला नहीं करते"
"वतन की मिटटी का कर्ज वो क्या चुकायंगे"
"जो अपनी माँ के दूध का हक़ अदा नहीं करते"
"तो जर्रे जर्रे को खिलता चमन रखते है"
एक ओर जब मजहबी दीवारों को खड़ा करके नेता अपनी सियासत को हवा दे रहे है तो फैजाबाद के लोगो ने जो काम किया उसे देखकर गंगा जमुनी तहजीब की सोंच रखने वाले कहने लगे है अरे नेताओं अब तो शर्म करो
फैजाबाद के ह्रदयस्थल चौक में स्थित वक्फ हसन रजाखान मस्जिद के ऊपर से मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने दुर्गा शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा कर एक मिशाल कायम कर दी और हिन्दू मुस्लिम की राजनीति कर अपनी रोटी चला रहे नेताओं को सन्देश दे डाला की हम अमन पसंद और एक है....दुर्गा की मूर्तियों पर पुष्प वर्षा कर जो मिशल फैजाबाद के लोगों ने कायम की उसको देखकर अमूमन लोगों के दिलों से निकल रहा है अरे नेताओं अब तो शर्म करो!ऐसे जज्बे को मेरा सलाम
इन नेताओं के लिए मेरा सिर्फ यही कहना है
"जबां से करते हैं दिल से दुवा नहीं करते"
"ये सियासी लोग किसी का भला नहीं करते"
"वतन की मिटटी का कर्ज वो क्या चुकायंगे"
"जो अपनी माँ के दूध का हक़ अदा नहीं करते"